अर्चना कोछर ने 72वीं मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के लिए गोंल्लाभामा साड़ियों में भरी नई जान

डिज़ाइनर अर्चना कोछर ने तेलंगाना की पारंपरिक गोंल्लाभामा साड़ियों को 72वीं मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के लिए एक नए और भव्य रूप में प्रस्तुत किया है। यह पहल भारत की सांस्कृतिक विरासत और बुनाई शिल्प को अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मान देती है।

Jun 13, 2025 - 14:07
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अर्चना कोछर ने 72वीं मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के लिए गोंल्लाभामा साड़ियों में भरी नई जान
अर्चना कोछर ने 72वीं मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के लिए गोंल्लाभामा साड़ियों में भरी नई जान

परंपरा और आधुनिक फैशन के खूबसूरत संगम में, प्रसिद्ध फैशन डिज़ाइनर अर्चना कोछर ने तेलंगाना में चल रही 72वीं मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के लिए गोंल्लाभामा साड़ियों का एक नया रूपांतरण संग्रह प्रस्तुत किया है। यह पहल न केवल भारत की समृद्ध वस्त्र विरासत को प्रदर्शित करती है, बल्कि ‘ब्यूटी विद अ पर्पज़’ की थीम के साथ भी मेल खाती है, जो सांस्कृतिक विविधता और शिल्प कौशल का उत्सव है।

गोंल्लाभामा साड़ियाँ, तेलंगाना के सिद्धीपेट क्षेत्र की पहचान हैं, जिनमें दुग्धविक्रेता महिलाओं (स्थानीय भाषा में ‘गोंल्लाभामा’) की जटिल आकृतियाँ बुनी जाती हैं। ये डिज़ाइन बुनकरों की कुशलता और समर्पण का प्रमाण हैं। इन साड़ियों को भौगोलिक संकेतक (GI टैग) प्राप्त है और UNESCO ने इन्हें भारत की प्रतिष्ठित वस्त्र शिल्प के रूप में मान्यता दी है।

अर्चना कोछर का यह संग्रह इन पारंपरिक बुनाइयों को वैश्विक मंच के अनुरूप परिधान में परिवर्तित करता है। इन साड़ियों को तेलंगाना के कुशल बुनकरों द्वारा तैयार किया गया है, जिन्हें कोछर के सिग्नेचर लहंगे और तेलंगाना के पारंपरिक पट्टू फैब्रिक से बने ब्लाउज़ के साथ स्टाइल किया गया है। समकालीन डिज़ाइन तत्वों को गोंल्लाभामा बुनाई में मिलाकर उन्होंने ऐसे परिधान रचे हैं जो शाही गरिमा के साथ सांस्कृतिक गर्मजोशी को भी संजोए हुए हैं।

अर्चना कोछर ने कहा,

“गोंल्लाभामा साड़ी भारत की जीवंत बुनाई परंपरा का एक चमकता प्रतीक है। मिस वर्ल्ड जैसे मंच पर इन्हें प्रदर्शित करके हम सिद्धीपेट के कारीगरों की प्रतिभा और मेहनत को विश्व के सामने लाने का काम कर रहे हैं।”

यह संग्रह न केवल बुनकरों की विरासत को सम्मान देता है, बल्कि उस कला के पुनर्जीवन में भी सहायक है, जो हाल के वर्षों में कमज़ोर होती जा रही थी। अंतरराष्ट्रीय मंच पर इन साड़ियों को पट्टू फैब्रिक से बने लहंगे और ब्लाउज़ के साथ प्रस्तुत कर अर्चना कोछर यह आशा करती हैं कि इससे दुनिया भर में इस अद्भुत हस्तशिल्प के प्रति एक नई जागरूकता और समर्थन विकसित होगा।